![]() |
स्कंदमाता -जय दुर्गे |
हर भक्त चाहता है कि अपने इष्ट देवता की मन से त्रुटिरहित पूजा, अर्चन एवं स्तुति करे, किन्तु मनुष्य को तो गलतियों का पुतला कहा गया गया है। कितनी भी सावधानी बरते, जाने अनजाने कुछ न कुछ त्रुटि-अपराध हो सकते हैं। इनका निवारण तो देवता से प्रार्थना, विनती कर के ही किया जा सकता है। इसी लिए हमारे पूर्वज ऋषि मुनियों ने प्रत्येक देवी अथवा देवता की पूजा समाप्ति के उपरांत अपराधक्षमा स्तोत्र अथवा गीत गाने की परंपरा राखी है। माँ दुर्गा की पूजा के उपरान्त भी ऐसा ही एक स्तोत्र पाठ किया जाता है जो दुर्गासप्तशती पुस्तक के अंत में दिया गया है। यहाँ उसी क्षमा प्रार्थना को दिया जा रहा है। दुर्गा माँ की पूजा के उपरांत इसे अवश्य पढ़ें। यदि पूजा न भी कर सकें तो कम से कम सिर्फ मन से इस छोटे से आठ श्लोक वाली प्रार्थना का पाठ कर माँ की तस्वीर अथवा मूर्ति के सामने क्षमा माँग लें, माता रानी अवश्य करुणा कर कृपा करेंगी :--
क्षमा - प्रार्थना
अपराध सहस्त्राणि क्रियन्तेSहर्निशं मया।
दासोSयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि।।१।।
आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्।
पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि।।२।।
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि।
यत्पूजितं मया देवि परिपूर्णं तदस्तु मे।।३।।
अपराधशतं कृत्वा जगदम्बेति चोच्चरेत्।
यां गतिं समवाप्नोति न तां ब्रह्मादयः सुराः।।४।।
सापराधोSस्मि शरणं प्राप्तस्त्वां जगदम्बिके।
इदानीमनुकम्प्योSहं यथेच्छसि तथा कुरु।।५।।
अज्ञानाद्विस्मृतेर्भ्रान्त्या यन्न्यूनमधिकं कृतम्।
तत्सर्वं क्षम्यतां देवी प्रसीद परमेश्वरि।।६।।
कामेश्वरि जगन्मातः सच्चिदानन्दविग्रहे।
गृहाणार्चामिमां प्रीत्या प्रसीद परमेश्वरि।।७।।
गुह्यातिगुह्यगोप्त्री त्वं गृहाणास्मत्कृतं जपम्।
सिद्धिर्भवतु मे देवि त्वत्प्रसादात्सुरेश्वरि।।८।।
श्रीदुर्गार्पणमस्तु।
========
भावार्थ (गीता प्रेस की श्रीदुर्गासप्तशती पुस्तक से उद्धृत):--
परमेश्वरि ! मेरे द्वारा रात-दिन सहस्रों अपराध होते रहते हैं। 'यह मेरा दास है' - यों समझकर मेरे उन अपराधों को तुम कृपापूर्वक क्षमा करो। १ ।
परमेश्वरि ! मैं आवाहन नहीं जनता, विसर्जन करना नहीं जानता तथा पूजा करने का ढंग भी नहीं जानता। क्षमा करो। २।
देवी ! सुरेश्वरि ! मैंने जो मंत्रहीन, क्रियाहीन और भक्तिहीन पूजन किया है, वह सब आपकी कृपा से पूर्ण हो। ३।
सैकड़ों अपराध करके भी जो तुम्हारी शरण में जा 'जगदम्ब' कहकर पुकारता है, उसे वह गति प्राप्त होती है, जो ब्रह्मादि देवताओं के लिए भी सुलभ नहीं है। ४।
जगदम्बिके ! मैं अपराधी हूँ, किन्तु तुम्हारी शरण में आया हूँ। इस समय दया का पात्र हूँ। तुम जैसा चाहो, वैसा करो। ५।
देवी ! परमेश्वरि !अज्ञान से, भूल से अथवा बुद्धि भ्रांत होने के कारण मैंने जो न्यूनता या अधिकता कर दी हो, वह सब क्षमा करो और प्रसन्न होओ। ६।
सच्चिदानंदस्वरूपा परमेश्वरि !जगन्माता कामेश्वरि ! तुम प्रेमपूर्वक मेरी यह पूजा स्वीकार करो और मुझपर प्रसन्न रहो। ७।
देवि !सुरेश्वरि ! तुम गोपनीय से भी गोपनीय वास्तु की रक्षा करने वाली हो। मेरे निवेदन किये हुए इस जप को ग्रहण करो। तुम्हारी कृपा से मुझे सिद्धि प्राप्त हो। ८।
===<<<O>>>===
43. पौराणिक कथाओं में शल्य - चिकित्सा - Surgery in Indian mythology
42. सुन्दरकाण्ड के पाठ या श्रवण से हनुमानजी प्रसन्न हो कर सब बाधा और कष्ट दूर करते हैं
41. माँ काली की स्तुति - Maa Kali's "Stuti"
40. महाशिवरात्रि - Mahashivaratri
39. तुलसीदास - अनोखे रस - लालित्य के कवि
38. छठ महापर्व - The great festival of Chhath
37. भगवती प्रार्थना - बिहारी गीत (पाँच वरदानों के लिए)
36. सावन में पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक
34. श्री दुर्गा के बत्तीस नाम - भीषण विपत्ति और संकटों से बचानेवाला
32. माँ दुर्गा की देवीसूक्त से स्तुति करें -Praise Goddess Durga with Devi-Suktam!
31. शनि की पूजा -क्या करें क्या न करें। The worship of God Shani, What to do & what not!
30. संस्कृत सूक्तों के प्रारम्भ में शीर्षक का क्या अर्थ है ?
28. अक्षय तृतीया - Akshay Tritiya!
27. निर्वाण षट्कम, आत्म षट्कम
26. A Topic from Geeta :: गीता - ज्ञान, क्या कर्म फल ही ईश्वर देते हैं?
Shop online at -- AMAZON
Shop online at -- FLIPKART
24. कृष्ण -जन्माष्टमी -- परमात्मा के पूर्ण अवतार का समय।
23. क्या सतयुग में पहाड़ों के पंख हुआ करते थे?
22. सावन में शिवपूजा। ..... Shiva Worship in Savan
21. सद्गुरु की खोज ---- Search of a Satguru! True Guru!
20. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अद्भुत कथा ....
(The great doctors of Gods-Ashwinikumars !). भाग - 4 (चिकित्सा के द्वारा चिकित्सा के द्वारा अंधों को दृष्टि प्रदान करना)
19. God does not like Ego i.e. अहंकार ! अभिमान ! घमंड !
18. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अदभुत कथा (The great doctors of Gods-Ashwinikumars !)-भाग -3 (चिकित्सा के द्वारा युवावस्था प्रदान करना)
17. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अदभुत कथा (The great doctors of Gods-Ashwinikumars !)-भाग -2 (चिकित्सा के द्वारा युवावस्था प्रदान करना)
Shop online at -- AMAZON
Shop online at -- FLIPKART
15. शिवषडक्षर स्तोत्र (Shiva Shadakshar Stotra-The Prayer of Shiva related to Six letters)
14. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अदभुत कथा (The great doctors of Gods-Ashwinikumars !)-भाग -१ (अश्विनीकुमार और नकुल- सहदेव का जन्म)
13. पवित्र शमी एवं मन्दार को वरदान की कथा (Shami patra and Mandar phool)
12. Daily Shiva Prayer - दैनिक शिव आराधना
11. Shiva_Manas_Puja (शिव मानस पूजा)
10. Morning Dhyana of Shiva (शिव प्रातः स्मरण) !
09. जप कैसे करें ?
Shop online at -- AMAZON
Shop online at -- FLIPKART
07. संक्षिप्त लक्ष्मी पूजन विधि...! How to Worship Lakshmi by yourself ..!!
05. Why should we worship Goddess "Durga" ... माँ दुर्गा की आराधना क्यों जरुरी है ?
04. Importance of 'Bilva Patra' in "Shiv-Pujan" & "Bilvastak"... शिव पूजन में बिल्व पत्र का महत्व !!
03. Bhagwat path in short ..!! संक्षिप्त भागवत पाठ !! {Listen it in only three minutes on YouTube}
02. What Lord Shiva likes .. ? भगवान शिव को क्या क्या प्रिय है ?
01. The Sun and the Earth are Gods we can see .....
Shop online at -- AMAZON
Shop online at -- FLIPKART
No comments:
Post a Comment