श्रीराम / Sri Ram |
राम जनमलन, वन में गईलन,
रावण मारलन, घरे अयलन।।
(अर्थात, श्रीराम ने जन्म लिया, वे वन को गये जहाँ उन्होंने रावण को मारा फिर वापस घर लौट गये)
इसे सुनकर एकबारगी तो हँसी भी आती है किन्तु कुछ भोजपुरी भाषी गर्व से कहते हैं - "सबसे संक्षिप्त रामायण तो हमारी भोजपुरी में है।" खैर, जैसी भक्त की इच्छा और भाव।
जिनके पास पतली वाली हनुमान चालीसा की छोटी पुस्तिका है उन्होंने ध्यान दिया होगा चालीसा के आगे और भी कई चीजें दी गयी हैं, यथा संकटमोचक हनुमान अष्टक, बजरंग बाण, श्रीरामावतार, आरती, इत्यादि। इन्हीं में एक है - श्रीरामाष्टक। वस्तुतः संस्कृत में रचित इसके आठ श्लोकों में से पहले चार श्लोकों में विष्णु और उनके रामावतार और कृष्णावतार की स्तुति की गयी है। बाकी के चार श्लोकों में ही रामकथा संक्षिप्त में कही गयी है। रामभक्तों की सुविधा हेतु तुलसीदास जी रचित "रामाष्टक" नीचे दे रहा हूँ, इसे (यूट्यूब पर सुनने के लिए यहाँ क्लिक करें):-
श्रीरामाष्टकः
हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायणा केशवा।
गोविंदा गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदरा माधवा।।
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते।
वैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम।।
आदौ रामतपोवनादिगमनं हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदेहीहरणं जटायुमरणं सुग्रीवसंभाषणम् ।।
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद्रावणकुम्भकर्णहननं एतद्धि रामायणम् ।।
(अर्थ - हे पुरुषोत्तम राम, आप ही नरहरि, नारायण, केशव, गोविन्द, गरुड़ध्वज, गुणनिधि, दामोदर और माधव हैं और हे कृष्ण, आपही कमलापति, यदुपति, सीतापति और श्रीपति हैं अर्थात आपदोनों एक ही हैं। हे वैकुण्ठ के स्वामी, चराचर के मालिक, लक्ष्मीपति ! आप हमारी रक्षा करें, हमारा उद्धार करें।
प्रारम्भ में श्रीराम तपोवन आदि वनों में गये, वहाँ उन्होंने सोने के हिरण को मारा। फिर सीता जी का हरण हुआ, पक्षीराज जटायु मारे गये, श्रीराम सुग्रीव से मिले, बाली का वध किया। (हनुमानजी द्वारा) समुद्र को लाँघ कर लंकापुरी जलाया गया। इसके पश्चात् श्रीराम ने रावण और कुम्भकरण का वध किया, यही रामायण है।)
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(The great doctors of Gods-Ashwinikumars !). भाग - 4 (चिकित्सा के द्वारा चिकित्सा के द्वारा अंधों को दृष्टि प्रदान करना)
19. God does not like Ego i.e. अहंकार ! अभिमान ! घमंड !
18. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अदभुत कथा (The great doctors of Gods-Ashwinikumars !)-भाग -3 (चिकित्सा के द्वारा युवावस्था प्रदान करना)
17. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अदभुत कथा (The great doctors of Gods-Ashwinikumars !)-भाग -2 (चिकित्सा के द्वारा युवावस्था प्रदान करना)
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15. शिवषडक्षर स्तोत्र (Shiva Shadakshar Stotra-The Prayer of Shiva related to Six letters)
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