Friday, December 21, 2018

भगवती गीत - "माँ सिंह पर एक कमल राजित"

माँ भगवती
         मैथिली एक कर्णप्रिय भाषा है जिसे सभी हिंदीभाषी सहज ही समझ सकते हैं। बिहार के मिथिला क्षेत्र में माँ भगवती की आराधना उसी तरह लोकप्रिय है जिस तरह महाराष्ट्र में गणेश आराधना। मिथिला क्षेत्र में बोली जाने वाली मैथिली भाषा में माँ भगवती के कई लोकप्रिय गीत परम्परा से ही गाये जाते रहे हैं। इन्हीं में से यह एक मैथिली गीत - "माँ सिंह पर एक कमल राजित, ताहि ऊपर भगवती माँ" एक बहुत ही मधुर गीत है जो पारम्परिक तौर पर चारों नवरात्र एवं दुर्गापूजा के अवसर पर गाया जाता है। प्रायः नवरात्र में घर के पुरुष सदस्य दुर्गासप्तशती का पाठ करते हैं (जो चंडीपाठ के नाम से भी लोकप्रिय है) जबकि महिलाएँ इसके बाद और संध्या आरती के समय माँ भगवती के पाँच या ग्यारह गीत गाती हैं। यह गीत भी उन्हीं में से एक है। यहाँ इस गीत के बोल लिख रहा हूँ :-- 

|| माँ ||
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती माँ 
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती माँ।।

उदित दिनकर लाल छवि निज रूप सुन्दर छाजति माँ 
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती माँ।।

हसती खल खल दाँत झल झल रूप सुन्दर भगवती माँ
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती माँ।।

 शंख गहि गहि चक्र गहि गहि खड्ग लै के विराजती माँ
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती माँ।।

दाँत खट खट जीह लह लह शोणित दाँत मढ़ावती माँ
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती माँ।।

शोणित गट गट पीबति जोगिनी बिकट रूप देखावती माँ
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती माँ।।

ब्रह्मा अइलेन विष्णु अइलेन शिवजी अइलेन अई गति माँ
सिंह पर एक कमल राजित ताहि ऊपर भगवती माँ।।

(इसका भावार्थ है:- 
माँ भगवती एक ऐसे कमल पर विराज रही हैं जो कि एक सिंह के ऊपर है। 

उगते हुए सूर्य की लालिमा के सामान अपने मुख से माँ भगवती बहुत ही सुन्दर लग रही हैं। 

खिलखिलाती हुई माँ के झिलमिलाते दाँत के कारण उनका रूप अतिसुन्दर है। 

माँ भगवती अपने हाथों में शंख और चक्र के साथ विराज रही हैं। 

माता के दाँत रक्त से सने हैं और आपस में टकरा कर खट खट आवाज करते हैं, उनकी जिह्वा लपलपाती है। 

अपने विकराल रूप में (असुरों का) रक्त गट-गट पीती हुई योगिनी के सामान हैं। 

उनके इस रूप को देखकर ब्रह्मा, विष्णु और शिवजी भी आते हैं और शाँत होने की विनती करते हैं।)

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4 comments:

  1. Kisne likha hai kya aapko pata hai
    किसने ये अद्भुत वंदना लिखी है पता है आपको???

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  2. Dear Nilesh, ye vandana peedhiyon se gaayi jati rahi hai jaise lokgeet.

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