अयोध्या स्थित श्रीरामलला की प्रतिमा |
पुत्रेष्टि यज्ञ के बाद दशरथ जी की तीनों रानियों ने दिव्य खीर खाये और गर्भवती हुईं। कौशल्या जी के प्रसव के समय प्रभु को अपना वचन पूरा करना था। एक क्षण के लिए जब प्रसव पीड़ा से कौशल्या जी अचेत हुईं तो ऑंखें खुलने पर रामलला के रूप में श्रीविष्णु को पाया। बालक को श्रीहरि की तरह ही आयुधों सहित चार हाथ थे। सुन्दर और बड़े बड़े आँख, श्याम शरीर, वनमाला के आभूषण से असीम शोभा हो रही थी। कौशल्या जी ने दोनों हाथ जोड़ कर प्रभु की स्तुति की। हे ब्रह्माण्ड और माया को बनाने वाले प्रभु, भक्तों से प्रेम और मेरे हित के लिए आप प्रकट हुए हैं, कैसे आपका आभार व्यक्त करूँ? माता कौशल्या के सुन्दर वचन सुन प्रभु मुस्काये। माता ने पुनः कहा प्रभु आपके इस रूप को देखकर लोग डरेंगे और उपहास करेंगे क्योंकि बालक आयुधों सहित चार हाथ के साथ जन्म नहीं लेते। कृपाकर के आप यह रूप छोड़िये और अतिप्रिय शिशु-लीला कीजिये ताकि मुझे माँ का सुख मिले। कौशल्या जी की प्रार्थना और बुद्धिमत्ता पूर्ण वचन सुन कर प्रभु बालरूप में आये और जन्म लेने वाले बच्चे की तरह रोना शुरू किया। बाबा तुलसीदास ने प्रभु के इस प्राकट्य को सरल भाषा में पद्य रूप में लिखा है जिसे हम सनातनी बड़े भक्ति एवं प्रेम से गाते सुनते हैं। वे कहते हैं कि जो इस चरित को गाता है वह हरि के चरणों में स्थान पाता है और कभी संसार रूपी कूप में फिर नहीं गिरता। श्री राम ने विप्र, गौ, देवताओं और संतों के हित के लिए अपनी इच्छा से दिव्य शरीर धारण किया, वे माया और इसके गुणों तथा इन्द्रियों से परे हैं।
श्रीराम लला का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को मध्याह्न दिन में पुनर्वसु नक्षत्र में अयोध्या नगरी में हुआ था। उस समय पांच ग्रह - सूर्य, गुरु, मंगल, शुक्र और शनि अपने उच्च स्थान में थे। भगवन श्रीराम के प्रकट होने की ख़ुशी में हमलोग प्रति वर्ष उक्त तिथि को रामनवमी के रूप मानते हैं।
।।श्रीरामावतार।।
भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी ॥
लोचन अभिरामा, तनु घनस्यामा, निज आयुध भुजचारी ।
भूषन बनमाला, नयन बिसाला, सोभासिंधु खरारी ॥
कह दुइ कर जोरी, अस्तुति तोरी, केहि बिधि करूं अनंता ।
माया गुन ग्यानातीत अमाना, वेद पुरान भनंता ॥
करुना सुख सागर, सब गुन आगर, जेहि गावहिं श्रुति संता ।
सो मम हित लागी, जन अनुरागी, भयउ प्रगट श्रीकंता ॥
ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया, रोम रोम प्रति बेद कहै ।
मम उर सो बासी, यह उपहासी, सुनत धीर मति थिर न रहै ॥
उपजा जब ग्याना, प्रभु मुसुकाना, चरित बहुत बिधि कीन्ह चहै ।
कहि कथा सुहाई, मातु बुझाई, जेहि प्रकार सुत प्रेम लहै ॥
माता पुनि बोली, सो मति डोली, तजहु तात यह रूपा ।
कीजै सिसुलीला, अति प्रियसीला, यह सुख परम अनूपा ॥
सुनि बचन सुजाना, रोदन ठाना, होइ बालक सुरभूपा ।
यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं, ते न परहिं भवकूपा ॥
दोहा
बिप्र धेनु सुर संत हित, लीन्ह मनुज अवतार ।
निज इच्छा निर्मित तनु, माया गुन गो पार ॥
=====
बाबा तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस में ये रामावतार प्रसङ्ग है जो बहुत ही सुगम, सुबोध एवं कर्णप्रिय है। तुलसीदास जी की अद्वितीय प्रतिभा और भाषा पर पकड़ के कारण उनकी अवधी और संस्कृत की रचनाएँ पढ़ने में मधुर लगाती हैं और लोकप्रिय भी हुयी हैं। तुलसीदास जी के बारे में इस लिंक पर भी पढ़ सकते हैं - "तुलसीदास - अनोखे रस लालित्य के कवि".
===<<<•>>>===
44. मिथिला के लोकप्रिय कवि विद्यापति रचित - गोसाओनिक गीत (Gosaonik Geet) अर्थ सहित
43. पौराणिक कथाओं में शल्य - चिकित्सा - Surgery in Indian mythology
42. सुन्दरकाण्ड के पाठ या श्रवण से हनुमानजी प्रसन्न हो कर सब बाधा और कष्ट दूर करते हैं
41. माँ काली की स्तुति - Maa Kali's "Stuti"
40. महाशिवरात्रि - Mahashivaratri
39. तुलसीदास - अनोखे रस - लालित्य के कवि
38. छठ महापर्व - The great festival of Chhath
37. भगवती प्रार्थना - बिहारी गीत (पाँच वरदानों के लिए)
36. सावन में पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक
43. पौराणिक कथाओं में शल्य - चिकित्सा - Surgery in Indian mythology
42. सुन्दरकाण्ड के पाठ या श्रवण से हनुमानजी प्रसन्न हो कर सब बाधा और कष्ट दूर करते हैं
41. माँ काली की स्तुति - Maa Kali's "Stuti"
40. महाशिवरात्रि - Mahashivaratri
39. तुलसीदास - अनोखे रस - लालित्य के कवि
38. छठ महापर्व - The great festival of Chhath
37. भगवती प्रार्थना - बिहारी गीत (पाँच वरदानों के लिए)
36. सावन में पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक
35. श्रीविद्या - सर्वोपरि मन्त्र साधना
34. श्री दुर्गा के बत्तीस नाम - भीषण विपत्ति और संकटों से बचानेवाला
34. श्री दुर्गा के बत्तीस नाम - भीषण विपत्ति और संकटों से बचानेवाला
33. मैथिलि भगवती गीत - "माँ सिंह पर एक कमल राजित"
32. माँ दुर्गा की देवीसूक्त से स्तुति करें -Praise Goddess Durga with Devi-Suktam!
31. शनि की पूजा -क्या करें क्या न करें। The worship of God Shani, What to do & what not!
30. संस्कृत सूक्तों के प्रारम्भ में शीर्षक का क्या अर्थ है ?
32. माँ दुर्गा की देवीसूक्त से स्तुति करें -Praise Goddess Durga with Devi-Suktam!
31. शनि की पूजा -क्या करें क्या न करें। The worship of God Shani, What to do & what not!
30. संस्कृत सूक्तों के प्रारम्भ में शीर्षक का क्या अर्थ है ?
29. शिव -अभिषेक (Shiva-Abhishekam)
28. अक्षय तृतीया - Akshay Tritiya!
27. निर्वाण षट्कम, आत्म षट्कम
26. A Topic from Geeta :: गीता - ज्ञान, क्या कर्म फल ही ईश्वर देते हैं?
28. अक्षय तृतीया - Akshay Tritiya!
27. निर्वाण षट्कम, आत्म षट्कम
26. A Topic from Geeta :: गीता - ज्ञान, क्या कर्म फल ही ईश्वर देते हैं?
25. भगवती स्तुति। .... देवी दुर्गा उमा, विश्वजननी रमा......
Shop online at -- AMAZON
Shop online at -- FLIPKART
24. कृष्ण -जन्माष्टमी -- परमात्मा के पूर्ण अवतार का समय।
23. क्या सतयुग में पहाड़ों के पंख हुआ करते थे?
22. सावन में शिवपूजा। ..... Shiva Worship in Savan
21. सद्गुरु की खोज ---- Search of a Satguru! True Guru!
20. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अद्भुत कथा ....
(The great doctors of Gods-Ashwinikumars !). भाग - 4 (चिकित्सा के द्वारा चिकित्सा के द्वारा अंधों को दृष्टि प्रदान करना)
19. God does not like Ego i.e. अहंकार ! अभिमान ! घमंड !
18. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अदभुत कथा (The great doctors of Gods-Ashwinikumars !)-भाग -3 (चिकित्सा के द्वारा युवावस्था प्रदान करना)
17. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अदभुत कथा (The great doctors of Gods-Ashwinikumars !)-भाग -2 (चिकित्सा के द्वारा युवावस्था प्रदान करना)
Shop online at -- AMAZON
Shop online at -- FLIPKART
16. बाबा बासुकीनाथ का नचारी भजन -Baba Basukinath's "Nachari-Bhajan" !
15. शिवषडक्षर स्तोत्र (Shiva Shadakshar Stotra-The Prayer of Shiva related to Six letters)
14. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अदभुत कथा (The great doctors of Gods-Ashwinikumars !)-भाग -१ (अश्विनीकुमार और नकुल- सहदेव का जन्म)
13. पवित्र शमी एवं मन्दार को वरदान की कथा (Shami patra and Mandar phool)
12. Daily Shiva Prayer - दैनिक शिव आराधना
11. Shiva_Manas_Puja (शिव मानस पूजा)
10. Morning Dhyana of Shiva (शिव प्रातः स्मरण) !
09. जप कैसे करें ?
Shop online at -- AMAZON
Shop online at -- FLIPKART
08. पूजा में अष्टक का महत्त्व ....Importance of eight-shloka- Prayer (Ashtak) !
07. संक्षिप्त लक्ष्मी पूजन विधि...! How to Worship Lakshmi by yourself ..!!
06. Common misbeliefs about Hindu Gods ... !!
05. Why should we worship Goddess "Durga" ... माँ दुर्गा की आराधना क्यों जरुरी है ?
04. Importance of 'Bilva Patra' in "Shiv-Pujan" & "Bilvastak"... शिव पूजन में बिल्व पत्र का महत्व !!
03. Bhagwat path in short ..!! संक्षिप्त भागवत पाठ !! {Listen it in only three minutes on YouTube}
02. What Lord Shiva likes .. ? भगवान शिव को क्या क्या प्रिय है ?
01. The Sun and the Earth are Gods we can see .....
Shop online at -- AMAZON
Shop online at -- FLIPKART
Shop online at -- AMAZON
Shop online at -- FLIPKART
24. कृष्ण -जन्माष्टमी -- परमात्मा के पूर्ण अवतार का समय।
23. क्या सतयुग में पहाड़ों के पंख हुआ करते थे?
22. सावन में शिवपूजा। ..... Shiva Worship in Savan
21. सद्गुरु की खोज ---- Search of a Satguru! True Guru!
20. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अद्भुत कथा ....
(The great doctors of Gods-Ashwinikumars !). भाग - 4 (चिकित्सा के द्वारा चिकित्सा के द्वारा अंधों को दृष्टि प्रदान करना)
19. God does not like Ego i.e. अहंकार ! अभिमान ! घमंड !
18. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अदभुत कथा (The great doctors of Gods-Ashwinikumars !)-भाग -3 (चिकित्सा के द्वारा युवावस्था प्रदान करना)
17. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अदभुत कथा (The great doctors of Gods-Ashwinikumars !)-भाग -2 (चिकित्सा के द्वारा युवावस्था प्रदान करना)
Shop online at -- AMAZON
Shop online at -- FLIPKART
15. शिवषडक्षर स्तोत्र (Shiva Shadakshar Stotra-The Prayer of Shiva related to Six letters)
14. देवताओं के वैद्य अश्विनीकुमारों की अदभुत कथा (The great doctors of Gods-Ashwinikumars !)-भाग -१ (अश्विनीकुमार और नकुल- सहदेव का जन्म)
13. पवित्र शमी एवं मन्दार को वरदान की कथा (Shami patra and Mandar phool)
12. Daily Shiva Prayer - दैनिक शिव आराधना
11. Shiva_Manas_Puja (शिव मानस पूजा)
10. Morning Dhyana of Shiva (शिव प्रातः स्मरण) !
09. जप कैसे करें ?
Shop online at -- AMAZON
Shop online at -- FLIPKART
07. संक्षिप्त लक्ष्मी पूजन विधि...! How to Worship Lakshmi by yourself ..!!
05. Why should we worship Goddess "Durga" ... माँ दुर्गा की आराधना क्यों जरुरी है ?
04. Importance of 'Bilva Patra' in "Shiv-Pujan" & "Bilvastak"... शिव पूजन में बिल्व पत्र का महत्व !!
03. Bhagwat path in short ..!! संक्षिप्त भागवत पाठ !! {Listen it in only three minutes on YouTube}
02. What Lord Shiva likes .. ? भगवान शिव को क्या क्या प्रिय है ?
01. The Sun and the Earth are Gods we can see .....
Shop online at -- AMAZON
Shop online at -- FLIPKART
===<<<O>>>===
No comments:
Post a Comment