Wednesday, March 11, 2020

माँ काली की स्तुति - Maa Kali's "Stuti"

(चित्र गूगल से साभार)
       दक्षिणमुखी काली प्रतिमा का एक अलग महत्त्व है। भारत में कई जगहों पर दक्षिणा काली का मंदिर है जहाँ भक्तों की भीड़ श्रद्धापूर्वक उपासना में जुटती है। कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर का नाम कौन नहीं जानता। ऐसा ही एक पुरातन मंदिर राँची के मेन रोड में है जो अल्बर्ट एक्का चौक (फिरायालाल चौक) से  500 मी की दूरी पर है। भीड़भाड़ वाले बाजार में स्थित मंदिर काफी छोटा है और छोटी है दक्षिणमुखी काली माँ की प्रतिमा भी। परन्तु राँची के हिन्दुओं की इनमें अपार आस्था है। कुछ दिनों पहले मुझे भी वहाँ जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मंदिर में माँ काली की एक छोटी सी स्तुति दीवार पर टँगी थी। वही स्तुति माँ के भक्तों के लिए नीचे लिख रहा हूँ जो उनके लिए लाभदायक होगा।  

जय माँ काली!

नमो  शैलपुत्री  शिवा  शम्भुरानी।|
उमा अम्बिका विश्व की है भवानी।

तू ही सृष्टिकरणी  सब कष्टहरणी।
तू ही  मौनधरणी  महादेव वरणी।

नमो  क्रोधिनी कालिका वेगधारी।
सुनो  कान  दे  माँ विनती हमारी।

नमो मात गिरिजा करो आस पूरी।
नमो अम्बा माता  करो दुःख दूरी।

करो  दूर  मेरे   जित्ते  पाप  भारे।
परायो  अनिदिन  दुआरे  तिहारे।

बिना  कौन  तेरे  हित है  हमारी।
कहो कौन के द्वार पे मैं पुकारूँ।

बजे  शंख  वीणा नफारी नगाड़े।
रहे  भीड़  तेरे    सदा   ही  द्वारे।

रहूँ  मैं   महादीन    होके   तेरी।
न  दूजा भरोसा  सुनो मात मेरी।

खड़े  हाथ जोड़े  सेवक  दुखारी।
करे आरती स्वच्छ  पूजा तुम्हारी।
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      जो भक्त इसे कागज़ पर प्रिंट करना चाहें उनके लिए नीचे इसी का फोटो लगा रहा हूँ। डाउनलोड करें और प्रिंटर से प्रिंट आउट निकालें। 

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